किडनी ठीक करने के उपाय
यदि किडनी मे सुजन या खराबी आने पर ये परक्रिया धीमी या बंद हो जाती है तो ये हमारे शरीर के लिए गंभीर साबित हो सकते है।
इतने गंभीर की ये आप की किडनी को खराब भी कर सकते हैं जो मनुष्य के मुत्य का कारण भी बन सकता है।
इसी लिए किडनी ठीक करने के उपाय से संबंधित सभी जानकारी का होना हमारे लिए आवश्यक हो जाता हैं।
किडनी ठीक करने के उपाय से संबंधित सभी जानकारी पाने के लिए इस लेख को पुरा और अंत तक ज़रूर पढ़े, ताकी समय रहते इस समस्या का निदान किया जा सके तो चलिए शुरू करते है।
आयुर्वेद से किडनी ठीक करने के उपाय
गंभीर से गंभीर रोग का भी आयुर्वेद से इलाज संभव है, इसी कारण आज पूरी दुनियाँ भारत की इस प्राचीन उपचार पद्धत को अपना रही है।
आयुर्वेदिक उपचार से किडनी को ठीक करने के साथ ही किडनी की मृत कोशिकाओं को पुनर्जीवित भी किया जा सकता है इसलिए हम सब से पहले आयुर्वेद से किडनी ठीक करने के उपाय के बारे मे जानेंगे।
पुनर्नवादि मंडूर Punarnavadi Mandur
पुनर्नवादि मंडूर ये किडनी ठीक करने के उपाय मे सब से महत्वपूर्ण मानी जाती हैं ये किडनी मे क्रिएटिनिन, यूरिया व प्रोटीन को नियंत्रित करती है।
किडनी मे रक्त की शुद्धि धीमी नही होने देती और रक्त की शुद्धि कर किडनी को स्वस्थ रखने मे योगदान देती है।
रुक रुक कर मूत्र होना या मूत्र की कमी जैसी समस्या को दूर करती है, इसे दुनियाँ भर मे मूत्रवर्धक गुणों के लिए जान जाता हैं।
किडनी की छोटी लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करती हैं, साथ ही किडनी की मूर्त कोशिकाओं को पुनर्जीवित करती है। और पढ़े:किडनी बचाव के उपाय, ऐसे करें खराब किडनी का इलाज
चंद्रप्रभा वटी Chandraprabha Vati
ये किडनी या मूत्र पथ मे होने वाले संक्रमण को कम करती है और मूत्र की शुद्धि मे मदद करती है।
ये मूत्र से संबंधित सभी रोगों के साथ ही ममधुमेह के रोगियों के लिए भी फायदेमंद साबित होतीं हैं।
इस के इस्तेमाल से शरीर मे हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है और एनीमिया का रोग खत्म होता है।
यह कोलेस्ट्रॉल कम कर मूत्र में रक्त को रोकने के साथ-साथ किडनी मे सुधार पैदा करता है।
गोक्षुरादि गुग्गुलु Gokshuradi Guggulu
गोक्षुरादि गुग्गुलु को किडनी ठीक करने के उपाय मे इस्तेमाल किया जाता है।
यह किडनी की पथरी को तोड़ने या इस के आकार को कम करने मे सब से ज़्यादा लाभदायक है।
मूत्र मे होने वाली जलन को कम कर मूत्र के स्वस्थ प्रवाह को बनाए रखता हैं।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ ही उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर किडनी के काम करने की गति मे सुधार लाता है। और पढ़े: आयुर्वेदिक उपचार से किडनी पुनर्जीवित करें
आयुर्वेदिक चिकित्सा, आहार और किडनी ठीक करने के उपाय
आयुर्वेदिक चिकित्सकों के एक समूह ने किडनी के रोगियों के लिए आहार से संबंधित जानकारी दी है।
आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना है की किडनी से संबंधित रोगियों को दालों, नमक और प्रोटीन को अपने आहार मे शामिल नही करना चाहिए।
दालों, नमक और प्रोटीन के सेवन से किडनी धीमी गति से काम करने लगती है और इस के खराब होने का खतरा ज़्यादा हो जाता है।
वही विटामिन्स युक्त और उच्च मात्रा का फाइबर आहार मे शामिल करने से किडनी से संबंधित रोगों के उपचार मे जल्दी सुधार दिखाई देता हैं।
आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने यह जानकारी भी दी की एलोपैथिक की तुलना मे आयुर्वेदिक किडनी ठीक करने के उपाय ज़्यादा बेहतर साबित हुए हैं। और पढ़े: किडनी में सूजन के लक्षण, Nephritis in hindihindi
एलोपैथी से किडनी ठीक करने के उपाय
आधुनिक चिकित्सा या एलोपैथी से किडनी ठीक करने के उपाय
ब्लड टेस्ट
एलोपैथी मे सब से पहले डॉक्टर किडनी मे खराबी की जाँच के लिए ब्लड टेस्ट करवाते है।
रक्त में क्रिएटिनिन का स्तर जाँचा जाता है क्रिएटिनिन बढ़ जाना किडनी मे खराबी का संकेत माना जाता है।
ब्लड टेस्ट मे क्रिएटिनिन ज़्यादा पाए जाने पर प्राथमिक अवस्था मे रोगी का इलाज गोलियां और दवाई द्वारा किया जा सकता हैं।
मूत्र की जांच
मूत्र की जांच कर डॉक्टर मूत्र मे मौजूद प्रोटीन और खून का पता लगाता हैं इस मे गड़बड़ी पाए जाने पर किडनी मे खराबी के संकेत मिलते हैं
किडनी मे खराबी के संकेत मिलने पर डॉक्टर आप से महीने मे 2 या 3 बार मूत्र की जाँच करवा सकता है ताकी रोग का सही पता लगाया जा सके।
मूत्र की जांच के बाद के बाद इस अवस्था मे डॉक्टर दवाई या गोली से आपका उपचार कर सकते है और आवश्यकता होने पर सोनोग्राफी करवा सकते हैं।
सोनोग्राफी
किडनी की सोनोग्राफी कर किडनी और इस से संबंधित सभी रोगों का तुरंत और सटीक पता लगाया जा सकता हैं।
सोनोग्राफी से किडनी का आकर, किडनी मे पथरी या गाँठ का होना या किडनी खराब होने का पता लगाया जाता हैं।
किडनी मे सुजन, पथरी, या गाँठ होने पर इसका इलाज किया जाता, लेकिन किडनी खराब होने की इस्थिति मे डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी जा सकती हैं।
किडनी डायलिसिस
किडनी खराब होने पर किडनी डायलेसिस कर किडनी की सफाई की जाती हैं, जिन्हें किडनी फ़िल्टर नही कर पाती ऐसे विषाक्त पदार्थों को डायलिसिस द्वारा रक्त से बाहर निकाला जाता हैं।
किडनी कितनी खराब हैं और रोगी कितना स्वस्थ हैं इस आधार पर किडनी डायलिसिस से रोगी की उम्र 10 से 12 साल तक बढ़ाई जा सकती हैं।
किडनी डायलिसिस के बाद रोगी के पास अंतिम पर्याय के रूप मे किडनी ट्रांसप्लांट का ही रह जाता हैं।
किडनी ट्रांसप्लांट
किडनी ठीक करने के उपाय मे किडनी ट्रांसप्लांट को अंतिम और सब से अच्छा उपाय माना जाता हैं। इस मे रोगी की ख़राब किडनी निकाल कर मैच स्वस्थ किडनी लगाई जाती है।
इस परक्रिया मे रोगी का सफल प्रत्यारोपण होने के बाद कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ सकता हैं, इस बीच रोगी को डायलिसिस पर रखा जाता हैं किडनी के स्वस्थ और सही से काम करने पर रोगी को छुट्टी दी जाती हैं।
किडनी ट्रांसप्लांट के बाद डॉक्टर द्वारा बताई गई जीवन शैली अपनानी होती है ऐसे मे रोगी की उम्र आम व्यक्ति जितनी (60-70) साल तक की हो जाती है।
किडनी के लिए रामबाण
दही
किडनी के लिए रामबाण मे सब से अच्छा दही को माना जाता है दही किडनी ठीक करने के उपाय मे लाभदायक होता हैं इस मे मौजूद प्रोबायोटिक बैक्टीरिया रक्त से विषाक्त की सफाई मे किडनी की मदद करते हैं।
इस से इम्यूनिटि सिस्टम बेहतर होता हैं जो किडनी और शरीर को स्वस्थ बनाए रखता हैं।
अजवायन
अजवायन ये किडनी के लिए टॉनिक का काम करती हैं, इसका सेवन किडनी के काम में सहायता प्रदान करता हैं।
ये शरीर मे मूत्र ज़्यादा बनाता हैं, मूत्र ज़्यादा और प्रेशर ज़ोर से आने पर मूत्र द्वारा विषाक्त पदार्थों शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
विषाक्त पदार्थों शरीर से बाहर निकालने पर किडनी की समस्या नहीं रहती ये किडनी के लिए रामबाण होता।
हल्दी
हल्दी सिर्फ किडनी के लिए रामबाण नही बल्कि कई रोगों मे लाभदायक हैं। इस का इस्तेमाल एंटीबायोटिक के तौर पर भी किया जाता हैं।
हल्दी में करक्यूमिन अधिक मात्रा मे पाया जाता हैं
करक्यूमिन एक ऐसा घटक हैं जो सभी प्रकार के माइक्रोब का विकास और विस्तार रोकता हैं।
माइक्रोब के विकास और विस्तार रुक जाने से किडनी स्वस्थ और सामान्य गति से काम करने लगती हैं।
पालक
हरी सब्ज़ियां भी किडनी के लिए रामबाण मानी जाती हैं ये किडनी ठीक करने के उपाय मे कारागर होती है इसे विटामिन का सब से अच्छा स्रोत भी माना जाता हैं।
हरी सब्ज़ियों मे पालक किडनी के रोगों मे बहोत फायदे मंद होती हैं इस मे मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन किडनी साफ करने मे मदद करते हैं।
लेकिन किडनी मे पथरी के रोगी इस का सेवन ना करे क्यो की इस मे अधिक मात्रा मे आयरन होता है जो पथरी के रोग को बढ़ा देता हैं।
अनानास का ज्यूस
अनानास सिर्फ को विटामिन सी का भंडार भी माना जाता है, विटामिन सी के साथ ही शरीर मे ऊर्जा प्रदान करता हैं और इम्यूनिटी सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बढ़ाता हैं।
साथ ही अनानस हाई फाइबर के कारण किडनी से सभी अनावश्यक तत्व निकाल कर उसे स्वस्थ रखने में मदद करता है।
किडनी से संबंधित रोगी को नियमित रूप से अनानास का ज्यूस पीना चाहिए। यह किडनी के लिए रामबाण है इस से किडनी की कार्य शमता मे सुधार आता हैं।
किडनी खराब क्यों होती है
1. किडनी खराब क्यों होती है इसका मुख्य और सब से बड़ा कारण धूम्रपान, तंबाकू या शराब का अधिक सेवन करना हैं।
2. अगर आप हाथ, पैर, घुटने या सिर दर्द की गोलियों (पेनकिलर) का सेवन करते हैं तब आप का ये जानना आवश्यक हैं की किडनी खराब क्यों होती है, क्यों की दर्द निवारक (पेनकिलर) गोलियों का अधिक सेवन किडनी को खराब कर देता हैं।
3. मधुमेह के इलाज के लापरवाही करना और ज़्यादा मिठा खाना भी किडनी की खराबी का कारण होता हैं।
4. उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर की गोली समय पर नहीं लेना
भी किडनी की खराबी का कारण हैं, उच्च रक्तचाप मे रक्त अधिक गति से परवाह करता हैं जिस कारण रक्त कोशिकाओं को शती पहुँचती हैं, साथ ही किडनी मे मौजूद छोटी रक्त कोशिकाए डैमेज होती हैं और किडनी खराब होने का खतरा बढ़ जाता हैं।
5. पानी कम पीना या अधिक मात्रा मे नमक खाना भी एक कारण हो सकता हैं।
6. पेशाब ज़्यादा देर रोकना या पेशाब समय पर नही करना भी इस का प्रमुख कारण माना जाता हैं।
7. पर्याप्त मात्रा मे आराम ना करना और हमेशा तनाव मे रहना भी इस का कारण हो सकता हैं, अब आप जान गए होंगे की किडनी खराब क्यों होती है।
किडनी खराब होने के लक्षण
1. पेशाब करते समय या इस के बाद खून का निकलना किडनी खराब होने के लक्षण हो सकते है।
2. पेशाब मे जलन का महसूस होना भी किडनी खराब होने के लक्षण या संक्रमण का लक्षण है।
3. पेशाब मे अचानक से बदलाव आना जैसे पेशाब कम या ज़्यादा आना।
4. चेहरे, हथेली और पैरों मे सुजन आना किडनी खराब होने के मुख्य लक्षणों मे से एक है।
5. उल्टी आना और मचलाहट महसूस होना।
6. पीठ मे (किडनी की जगह) दर्द होना या सुजन का आना।
7. बहोत ज़्यादा थकान, तनाव और कमज़ोरी आना।
8. पेट फूलना और भूख का ना लगना।
9. शरीर मे हिमोगुलोबीन की कमी होना।
10. रक्तचाप का बढ़ना खास कर रात के समय ये भी किडनी खराब होने के लक्षण हो सकते हैं।
किडनी से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवालों
क्या किडनी ठीक हो सकती है?
हाँ अधिकांश मामलों मे समय पर उपचार से किडनी से जुड़े रोग ठीक किए जा सकते हैं, और किडनी ट्रांसप्लांट से सभी गंभीर रोग और खराब किडनी को भी ठीक किया जा सकता हैं।
किडनी ट्रांसप्लांट में कितना खर्चा आता है?
निजी अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट का खर्चा 5 से 6 लाख तक आता हैं, यदि एबीओ तकनीक से किडनी ट्रांसप्लांट की जाए तो 1 से 2 लाख तक खर्च बढ़ सकता हैं, इस के साथ ही 6 महीनों की दवाई का खर्च 90 हज़ार तक हो सकता हैं।
किडनी का दर्द कहाँ होता है?
किडनी का दर्द पीट से होता हुआ पेट की ओर आता हैं, पीट मे पसली के नीचे किडनी की जगह मे दर्द होता हैं और साथ ही सांस लेने मे दिक्कत होना, पेशाब मे झाग आना, पेशाब कम या ज़्यादा होना जैसी समस्या होती हैं।
दोनों किडनी खराब होने पर क्या करना चाहिए?
दोनों किडनी खराब होने पर डायलिसिस या ट्रांसप्लांट की जरूरत होती हैं, डायलिसिस मे महीने मे 4 बार अस्पताल जाकर डायलिसिस करना होता हैं, वही 5 से 6 लाख रुपये मे किडनी ट्रांसप्लांट किया जा सकता हैं ये सब से सही विकल्प हैं।
किडनी क्या खाने से खराब होती है?
एल्कोहॉल, कैफीन, धूम्रपान, तंबाकू, अधिक नमक, डेरी प्रोडक्ट और पेनकिलर दवाइयाँ का अधिक इस्तेमाल किडनी खराब करने या किडनी से जुड़े रोगों का कारण हैं।
नोट:- हमारा उद्देश किडनी ठीक करने के उपाय को लेकर लोगों मे जागरुकता फैलाना हैं। इस लेख मे बताई गई दवाई, गोली या आयुर्वेदिक बूटी सिर्फ जानकारी के लिए हैं।
किसी भी दवाई, गोली, या बूटी का सेवन बिना डॉक्टर से परामर्श नही करना चाहिए।
किडनी ठीक करने के उपाय से संबंधित किसी भी सवाल या अन्य किसी और रोग से संबंधित सवाल आप हम से कॉमेंट मे पूछ सकते हैं। हम जल्द ही उत्तर देने का पर्यास करेंगे,हमारी वेब साइट www.indiatimesdaily.com
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